[2:36 PM, 5/16/2022] Radhey❤️: प्रेगनेंसी एक ऐसा सफर है जो हर महिला के लिए बहुत खूबसूरत होता है जब कोई महिला प्रेग्नेंट होती है तो उसके लिए यह सफर जिंदगी के खास पलों में से एक ऐसा पल होता है जिसे वह हर पल जीना चाहती है उस पल के हर क्षण को महसूस करती है|
इक्टोपिक प्रेगनेंसी
एक्टोपिक प्रेगनेंसी एक महिला के लिए मुश्किलों से भरा सफर है जब एक महिला को पता चलता है कि उसे एक्टोपिक प्रेगनेंसी है यहां इसके बारे में समय पर पता ना चल पाए तो बहुत सी मुश्किलें पैदा हो जाती हैं और महिला की जान को खतरा भी हो जाता है एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का समय पर इलाज मिलना बहुत जरूरी है चलिए जानते हैं एक्टोपिक प्रेगनेंसी क्या होती है
क्या है एक्टोपिक प्रेगनेंसी(अस्थानिक गर्भावस्था) Ectopic pregnancy
जब फर्टिलाइजर गर्भाशय से जाकर जुड़ जाता है तब प्रेगनेंसी का कन्फर्मेशन किया जाता है लेकिन कई बार फर्टिलाइजर गर्भाशय की बजाय फैलोपियन ट्यूब में चला जाता है और फैलोपियन ट्यूब में स्थापित हो जाता है तो इसे एक्टोपिक प्रेगनेंसी में अस्थानिक गर्भावस्था कहा जाता है|
निषेचित अंडा गर्भाशय के अलावा कहीं भी ठीक से विकसित नहीं हो सकता एक्टोपिक प्रेगनेंसी 50 में से एक महिला को होती है यदि एक्टोपिक प्रेगनेंसी का सही समय पर इलाज न किया जाए तो इसकी वजह से क्रिटिकल मेडिकल इमरजेंसी उत्पन्न हो सकती है सही उपचार से एक्टोपिक प्रेगनेंसी से होने क्या उनको कम लिया जा सकता है अगर यह समस्या सही समय पर हम ना जात पाए तो भविष्य में इसकी वजह से सिजेरियन तक की नौबत आ जाती है|
एक्टोपिक प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण
1. हल्की ब्लीडिंग
2. घबराहट होना
3 पेट के निचले हिस्से कंधे और गर्दन में लगातार तेज दर्द होते रहना।
4. बहुत ज्यादा पसीना आना सिर घूमना और हर समय सुस्ती थकान के साथ बेहोशी की शिकायत।
एक्टोपिक प्रेगनेंसी का इलाज व पहचान कैसे की जाती है।
कई मामलों में तो इसका पता ही नहीं चल पाता कि महिला गर्भवती है। एक नॉरमल प्रेगनेंसी और एक्टोपिक प्रेगनेंसी में बहुत फर्क होता है यदि आपको अपनी प्रेगनेंसी में अधिक घबराहट होती है या हमेशा वेजाइना या वेजाइना के ऊपर वाले हिस्से में दर्द रहता है पेट के निचले हिस्से (pelvic)में दर्द रहता है तो फिर तुरंत ही अपने डॉक्टर से संपर्क करें एक्टोपिक प्रेगनेंसी के दौरान halki ब्लीडिंग व दाग लगना आपके साथ हो रहा है।
एक्टोपिक प्रेगनेंसी की जांच कैसे की जाती है।
ब्लड टेस्ट
अल्ट्रासाउंड
एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का निदान व इलाज:
एक्टोपिक प्रेगनेंसी की कन्फर्मेशन होने पर की होल सर्जरी लेप्रोस्कोपी करानी पड़ती है लेप्रोस्कोपी में एक छोटा सा चीरा लगाकर पेट में देखा जाता है उपकरण की सहायता से की भ्रूण ट्यूब में कहां है और उस भ्रूण को खत्म करके निकाल दिया जाता है। परंतु अगर ब्लीडिंग अधिक हो रही है और ट्यूब फट गई है तो लेप्रोस्कोपी नहीं बल्कि पेट में चीरा लगाकर फैलोपियन ट्यूब को ही बाहर निकाला जाता है अगर ऐसा नहीं किया जाएगा तो महिला के अंदर जहर फैल सकता है इसका पता चलते ही तुरंत सिजेरियन का सुझाव दिया जाता है किंतु इसका पता शुरुआत में ही चल जाए तो इसका निदान दवाइयों के द्वारा भी किया जा सकता है दवाइयों के द्वारा अगर पास कर दिया जाता है और गर्भ को खत्म कर दिया जाता है जिससे फैलोपियन ट्यूब को बचाया जा सकता है।
दोबारा गर्भधारण के प्रयास से पहले कितने समय का इंतजार करना चाहिए ?
एक्टोपिक प्रेगनेंसी का जो सफर है वह मुश्किलों से भरा होने के साथ-साथ मानसिक तनाव भी देता है इस तरफ से बाहर आने में वक्त लगता है । अगर आपका लेप्रोस्कोपी ऑपरेशन होता है तो दोबारा गर्भधारण के प्रयास शुरू करने से पहले 3 या 4 महीने का इंतजार की सलाह दी जाती है किंतु अगर आपका सिजेरियन यहां चीरा लगाकर एक्टोपिक प्रेगनेंसी की वजह से ट्यूब क्षतिग्रस्त हुई हो तो आपको 6 महीने या उससे अधिक समय भी लेना चाहिए अगली प्रेगनेंसी आपको शादी दिखाओ मानसिक रूप से परिपक्व होना चाहिए उसके बाद ही गर्भ धारण करना चाहिए।
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