जीरा वैसे तो रसोई का एक अहम हिस्सा है किसी भी सब्जी को बनाने के लिए जीरे का इस्तेमाल किया जाता है किंतु क्या आप जानते हैं इसमें कई आयुर्वेदिक गुण भी छुपे हुए हैं जो कि पेट दर्द पेट में ऐठन मतली उल्टी पाचन आदि के उपचार में उपयोग किया जाता है जो पाचन क्रिया के साथ होता है उसे उत्तेजित करता है यह एक आसानी से मिलने वाला आयुर्वेदिक औषधि है। अगर किसी की पाचन क्रिया ठीक ना हो उल्टी दस्त वगैरह लगी हो या पचाने में समस्या आ रही हो तो आप जीरा टी बनाकर ले सकते हैं। इससे आपको आपके पेट को बहुत आराम मिलेगा आप खुद महसूस करने लगेंगे कि वाकई आपकी इम्यूनिटी सिस्टम ठीक हुआ है और आप आसानी से किसी भी चीज को पचा सकते हैं। इस ब्लॉग में जितनी भी चीजें लिखी जाती है वह सब एक्सपेरिमेंट किया जाता है उसके बाद ही उसे लिखा जाता है इसलिए आप इन आयुर्वेदिक नुस्खों को बेफिक्र होकर अपना सकते हैं।
जीरा टी
जीरा टी बनाने के लिए आपको एक गिलास पानी को एक पैन में डालें और इसमें 1 टेबलस्पून चम्मच जीरा डालें। एक कप होने तक धड़कने दे उसके बाद आप इसको ले सकते हैं। इसे स्वादिष्ट बनाने के लिए इसमें आप हल्का सा पुदीना भी डाल सकते हैं उससे आपको पीने में अच्छी लगेगी।
खून की कमी एनीमिया
खून की कमी को दूर करने के लिए जीरा बहुत अच्छी औषधि है ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें आयरन पाया जाता है। जीरा आयरन के साथ-साथ फाइबर, कॉपर ,कैलशियम, पोटैशियम जिंक, मैग्नीज व मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स का भी उत्तम स्त्रोत है।
जीरा एक लाजवाब एंटीऑक्सीडेंट है यह सूजन को कम करने और मांसपेशियों को आराम पहुंचाने में कारगर है इसके सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जीरा जीवाणु नाशक है जीरे के सेवन से मानसिक तथा शारीरिक थकान भी कम होती है।
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