कैंसर कैसे शुरू होता है।कैंसर के लक्षण कैंसर का इलाज वा पुष्टि कैसे होती है?


 कैंसर क्या है?

हमारे शरीर में कई तरह की कोशिकाएं होती हैं और इन कोशिकाओं में निरंतर ही विभाजन होता रहता है इस पर हमारे शरीर का पूरा नियंत्रण रहता है किंतु यह कोशिकाएं असाधारण रूप से बढ़ने लगे या जब शरीर के किसी विशेष अंग की कोशिकाओं पर शरीर का नियंत्रण बिगड़ जाता है। जिसके कारण व शरीर के अंग को प्रभावित करने लगती है। डीएनए हमारे शरीर की कोशिकाओं को नियंत्रण करने का कार्य करता है। डीएनए हमारे शरीर में सैलानी कोशिकाओं को बनाने में अपना एक विशेष योगदान देता है डीएनए के मुताबिक ही हमारा शरीर कोशिकाओं को नियंत्रित करता है जब डीएनए द्वारा खराब सेल बन जाते हैं और यह भी विभाजित होते रहते हैं । विभाजित खराब सेल की संख्या भी आगे बढ़ती जाती है और यह शरीर के किसी अंग में प्रवेश कर जाते हैं । जिसे कैंसर की स्टेज कहते हैं। यह खराब कोशिकाएं उस अंग में धीरे-धीरे अपने पैर पसार लेती है अनियंत्रित कोशिकाएं बना लेती है जब यह शरीर के दूसरे अंग में प्रवेश करती है तो इसे कैंसर की 2nd स्टेज या मेंटेस्टीक  कैंसर कहते हैं।


कैंसर कैसे शुरू होता है।

हमारे शरीर की कोशिकाओं के जीन में बदलाव से कैंसर की शुरुआत होती है जीन यानी डीएनए में बदलाव अपने आप भी हो सकता है। DNA हमारे शरीर को हमारे शरीर की कोशिकाओं को नियंत्रित करता है। कुछ बारी कारक जैसे मसलन तंबाकू वायरस अल्ट्रावायलेट किरणें रेडिएशन एक्सरे अभी भी इसका कारण मानी गई है। जब कैंसर की कोशिकाएं अत्यधिक तेजी से बढ़ने लगती है तो यह इम्यून सिस्टम पर भी हावी हो जाती हैं और इम्यून सिस्टम को भी कर उसमें कैंसर सेल्स बनने लगते हैं और यह बीमारी पूरी तरह से अपनी चपेट में ले लेती है।

भारत में कैंसर

कैंसर को हराने के लिए 70 देशों में अभियान चल रहा है 17 दिसंबर को जारी आईएआरसी की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 में दुनिया भर में कैंसर की चपेट में आने वाले व्यक्ति करीब पौने दो करोड़ मामले सामने आए और जबकि एक करोड़ लोगों की मौत हो चुकी है चौंकाने वाली बात तो यह है कि तमाम वैज्ञानिक उपलब्धियों के बावजूद भी आज हर मिनट में 17 लोगों की मौत कैंसर से हो रही है। दुनिया भर में कैंसर मौत का दूसरा कारण बन चुकी है । भारत में हर 10 व्यक्ति में से एक को अपने पूरे जीवन काल में कैंसर होने की संभावना है और हर 15 में से एक व्यक्ति की मौत कैंसर के कारण होती है भारत में हर साल लगभग16.5 मिलियन मामले कैंसर के दर्ज होते हैं और बड़े दुख की बात तो यह है कि 78,4,800 लोग कैंसर के कारण मर जाते हैं ।भारत में हर 15 मैं से एक औरत को ब्रेस्ट कैंसर की पुष्टि की जाती है बड़े दुख की बात है कि यह कैंसर बिन बुलाए बिना दवा दारू के भी हमें अपना शिकार बना लेता है कई केसेज तो ऐसे हैं जिसमें मरीज ने ना कभी धूम्रपान किया है ,और ना ही कभी दवा दारू ली है।

कैंसर के लक्षण

1.वजन अचानक से कम या ज्यादा होना कैंसर का एक लक्षण होता है।
2.त्वचा में बदलाव त्वचा के किसी हिस्से में नील बार-बार पड़ना यां उस हिस्से की त्वचा का रंग बदलना और गांठ महसूस होना कैंसर का लक्षण होता है।
3.बार बार बुखार आना अगर बार बार बुखार आता है तो यह भी कैंसर लक्षण हो सकता है।
लंबे समय तक फांसी रहना खांसते समय खून आना सांस लेने में दिक्कत होना कैंसर का लक्षण है।
4.बार बार ब्लड में इन्फेक्शन होना भी कैंसर का लक्षण हो सकता है।
5.यूरिन पास करते समय यूरिन में खून आना भी कैंसर का लक्षण हो सकता है।
सिर्फ इन लक्षणों से ही हम कैंसर की पुष्टि नहीं कर सकते कैंसर की पुष्टि के लिए डॉक्टर द्वारा दिए गए टेस्ट के सुझाव का जब तक आप को रिपोर्ट नहीं आ जाती तब तक आप इस चीज को कैंसर नहीं कह सकते क्योंकि इन कारणों के कई और भी बीमारी या नॉर्मल डिजीज हो सकती है किंतु इन लक्षणों को नजरअंदाज ना करें क्योंकि यह शरीर में आपको कोई और परेशानी भी दे सकते हैं जरूरी नहीं की हर लक्षण कैंसर ही है। इन लक्षणों को नजरअंदाज भी ना करें और तुरंत डॉक्टर के पास जाकर इसकी पुष्टि कराएं।


कैंसर का इलाज वा पुष्टि कैसे होती है?

अगर सही समय के रहते मरीज को यह पुष्टि हो जाए की उसे कैंसर है तो इसका इलाज कर इसे खत्म किया जा सकता है। कैंसर स्टेज वन से लेकर स्टेज 4 तक इसे बांटा गया है ट्यूमर के आकार व शरीर के किन अंगों में कैंसर कोशिकाएं फैल चुकी है यह टेस्ट के आधार पर निर्धारित किया जाता है । कैंसर की पुष्टि के लिए डॉक्टर मरीज को टेस्ट कराने के लिए सलाह देते हैं।
1.सीबीसी और डब्ल्यूबीसी टेस्ट।
2.सिटी स्कैन और एमआरआई।
3.हीमोग्लोबिन टेस्ट।
4.बायोप्सी ।
डॉक्टर द्वारा कैंसर का इलाज टेस्ट की पुष्टि के बाद शुरू कर दिया जाता है चिकित्सा ने कैंसर से लड़ने के लिए कीमोथेरेपी रेडियोथेरेपी और सर्जरी द्वारा कैंसर का इलाज किया जाता है।
कैंसर से लड़ने वाली घरेलू औषधि कभी आप रोज सेवन करें।

लहसुन

 लहसुन एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है इसमें कैंसर की कोशिकाओं से लड़ने वाले भरपूर औषधीय गुण पाए जाते हैं लहसुन के सेवन से कैंसर सेल मरने लगते हैं और खत्म हो जाते हैं इसलिए कैंसर से बचने के लिए लहसुन की दो कली जरूर खाए।

ब्रोकली

ब्रोकली में ग्लूकोसाइनोलेटस गुण पाया जाता है जो कि शरीर को कैंसर से सुरक्षित रखने वाले एंजाइम पैदा करता है इंसान से सल्फोराफेन नामक गुण होता है जो कैंसर सेल्स को शरीर से खत्म करने में मदद करता है ब्रोकली का सेवन कई स्वास्थ्य समस्याओं से बचाने में मदद करता है।

अदरक

 अदरक में ऐसे औषधीय गुण पाए जाते हैं जो कैंसर सेल को तोड़ने में सहायक है अदरक में एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीटॉक्सिन गुण पाए जाते हैं जो कैंसर सेल को बढ़ने से रोकती है।
हल्दी 
हल्दी हर बाहरी व आंतरिक चोट को खत्म करने के लिए सहायक है हल्दी एंटीबायोटिक औषधि है हल्दी में करक्यूमिन रसायन पाया जाता है। जो कैंसर की कोशिकाओं को जड़ से खत्म करने वाली क्षमता रखती है हल्दी के सेवन से कैंसर कोशिकाएं पढ़ नहीं पाती हैं।

इसके लक्षणों को नजरअंदाज ना करें

सबसे ज्यादा दुख की बात तो यह है कि कैंसर हमें अंदर से इतने प्यार से खत्म करता है कि इसके लक्षण भी हमारे लिए पहचानने मुश्किल हो जाते हैं 85% लोगों को कैंसर का पहला लक्षण स्टेज थर्ड में पता लगता है और कुछ को स्टेज 4 में। फर्स्ट स्टेज में तो कुछ चंद लोगों को ही पता लग पाता है जिनकी कैंसर से कोई गांठ बनी होती है जो उन्हें दिखाई दे रही होते हैं उन्हें दर्द महसूस हो रहा होता है। कैंसर को हराने के लिए जो सबसे ज्यादा जरूरी है वह यह है कि अपना आत्म बल मजबूत बनाने और ठान लें की कैंसर को तो हरा कर ही रहेंगे।
                    जिंदगी बचाएंगे
                    कैंसर को हराएंगे
                    आत्म बल जीतेगा 
                    कैंसर तू तो हारेगा



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