PCOD क्या है?
पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर पीसीओडी एक तरह का हार्मोन असंतुलन है इसमें महिला के ओवरी में मेल हार्मोन एंड्रोजन का स्तर बढ़ जाता है और ओवरी में छोटे-छोटे सिस्ट यानी गांठे बन जाती है महिला के शरीर में दो ओवरी पाई जाती हैं जो कि रिप्रोडक्टिव ऑर्गन होता है ओवरी में एस्ट्रोजन और progestron प्रोजेस्ट्रॉन हार्मोन उत्पन्न होते हैं जो कि महिलाओं के माहवारी के साइकिल को चलाते हैं इस प्रकार महिला की ओवरी में हर महीने एग बनता है और हर महिने एग रिलीज होते हैं।जब एक परिपक्व एक ओवरी से रिलीज होता है तो उसे ओवुलेशन डेज कहा जाता है। इस दौरान एक अगर स्पर्म से मिलता है तो महिला का एक फर्टिलाइजर होकर गर्भाशय की ग्रीवा से चिपक जाता है और महिला गर्भवती हो जाती है किंतु पीसीओडी में ऐसा नहीं होता पीसीओडी की समस्या में एक समय पर रिलीज नहीं हो पाता और वशिष्ठ का आकार ले लेता है महावारी अनियमित हो जाती है PCOD syndrome महिलाओं की ओवरी और ओवुलेशन को प्रभावित करता है। जिसकी वजह से महिला को गर्भवती होने में बहुत सारी समस्याएं आती है किंतु इसे इलाज के द्वारा ठीक किया जा सकता है।
चिकित्सकों का मानना है कि हर 10 में से एक महिला पीसीओडी की शिकार है। यह समस्या महिला में अत्यधिक मोटापा तनाव वाह हार्मोन असंतुलन सही ना होने की वजह से होता है इसका एक कारण जेनेटिक भी माना गया है।
अधिकांश केसों में देखा गया है कि जो महिलाएं तनावपूर्ण जीवन व्यतीत करती हैं उनमें पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम होने की संभावना अधिक होती है।
1.ओवरी में सिस्ट छोटी छोटी गाड़ी होना
2.ओवरी द्वारा मेल हार्मोन एंड्रोजन का अत्यधिक उत्पादन
3.पीरियड्स का सही समय पर ना आना
पीसीओडी महिलाओं में होने वाली आम समस्या बन चुकी है हर 10 में से एक महिला इसका शिकार है महिलाएं डिप्रेशन में जा रही है पीसीओडी हारमोंस की वजह से ओवरी में छोटी-छोटी सिस्तानी गांठ हो जाती है यह पीरियड प्रेगनेंसी दोनों को ही डिस्टर्ब करती हैं। इसके लिए जागरूक होना बहुत जरूरी है। प्रेगनेंसी के लिए ही नहीं बल्कि अपने शरीर को निरोग्य वा तंदुरुस्त रखने के लिए भी इसका इलाज कराना बहुत जरूरी है।
पीसीओडी के क्या कारण माने गए हैं चलिए आइए देखते हैं।
1. अनुवांशिक एक विशेष कारण है पीसीओडी का कई मामलों में ।2. जीवन शैली अस्वस्थ होना।
3.ओवरी में छोटे-छोटे बहुत सारे सिस्ट होना।
4.शरीर में fSH वा LH हार्मोन की मात्रा अधिक होना।
5.तनावपूर्ण जीवन।
6.मोटापा ।
7. पुरुष हार्मोन एंड्रोजन का अधिक उत्पादन।
8. शारीरिक गतिविधियों में कमी।
कैसे पहचाने की पीसीओडी है या नहीं?
जांच आप स्वयं भी कर सकते हैं किंतु इसका इलाज चिकित्सक द्वारा ही कराना चाहिए आपको इसके लक्षण महसूस होने पर तुरंत चिकित्सक से कंसल्ट करें और अपना इलाज शुरू करें। जानते हैं पीसीओडी के लक्षण1. मासिक धर्म का अनियमित होना पीसीओडी का एक विशेष लक्षण है।
2. मासिक धर्म के दौरान असहनीय दर्द होना।
3. वजन का अचानक ज्यादा हो जाना ।
4. मोटापा
5.सिर के बाल झड़ना अनचाही जगह पर बाल उग जाना।
6.पेडू में दर्द रहना।
7.चिड़चिड़ापन रहना।
8. अधिक गुस्सा आना।
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