डेंगू बुखार
बरसात के दिनों के दौरान व बरसातों के बाद सबसे बड़ा खतरा डेंगू का मंडराने लगता है स्वास्थ्य मंत्रालय डेंगू बुखार को लेकर अलर्ट हो जाता है और इसकी व्यवस्था शुरू हो जाती है। डेंगू बुखार "एडीज"मच्छर के काटने से होता है डेंगू मच्छर वर्षा ऋतु के दौरान इसके बाद बहुतायत से पाए जाते हैं यह मच्छर प्राय घरों स्कूलों और अन्य भवनों में तथा उनके आसपास एकत्रित खुले एवं साफ पानी में अंडे देते हैं।डेंगू बुखार को हड्डी तोड़ बुखार भी कहते हैं क्योंकि इस से पीड़ित लोगों को इतना अधिक दर्द हो सकता है कि जैसे हड्डियां टूट रही हो डेंगू बुखार बच्चों बड़ों किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है । बच्चों में डेंगू बुखार के लक्षण बड़ों की तुलना में हल्के होते हैं। डेंगू बुखार की तीन अवस्थाएं है पहली साधारण डेंगू दूसरी डेंगू रक्त स्त्राव बुखार जिसके कारण रक्त वाहिकाओं रक्त ले जाने वाली नाली काय में रक्त स्त्राव होता है तथा रक्त प्लेटलेट्स का स्तर कम हो जाता है । तीसरा डेंगू शॉक सिंड्रोम है खतरनाक रूप से निम्न रक्तचाप होता है।
अभी डेंगू वायरस कि कोई दवाईया वैक्सीनेशन उपलब्ध नहीं है किंतु विशेषज्ञों द्वारा इस पर रिसर्च जारी है ।
साधारण डेंगू बुखार के लक्षण
1.अचानक तेज बुखार आना।
2. चक्कर आना ।
3.जी घबराना उल्टी आना ।
4.शरीर पर खून के चकत्ते पड़ जाना ।
5.प्लेटलेट्स का कम हो जाना।
6. शरीर पर खसरे जैसे दाने हो जाना।
7. जोड़ों में दर्द होना ।
8.आंखों के पीछे दर्द होना।
9. सिर में तेज दर्द होना।
रक्त स्त्राव डेंगू बुखार के लक्षण
1.शरीर की चमड़ी पीली व ठंडी पड़ जाना।
2.नाक मुंह और मसूड़ों से खून बहना।
3.सांस लेने में तकलीफ होना ।
4. खून वाली उल्टी होना।
5. प्यास ज्यादा लगना।
6. बेचैनी रहना।
7. फेफड़े व पेट में पानी इकट्ठा हो जाना ।
8.प्लेटलेट्स की कोशिकाओं की संख्या कम हो जाना।
Dengue shock syndrome डेंगू शॉक सिंड्रोम
ऊपर दिए हुए लक्षणों के साथ-साथ डेंगू शॉक सिंड्रोम में यह लक्षण भी सम्मिलित है ।
1.नब्ज कमजोर होना व तेजी से चलना। 2.रक्तचाप कम हो जाना ।
3.त्वचा का ठंडा पड़ जाना ।
4.मरीज को बहुत अधिक बेचैनी महसूस होना। 5.पेट में तेज लगातार दर्द होना।
डेंगू से पीड़ित अधिकतर लोग ठीक हो जाते हैं और उनको बाद में किसी तरह की कोई समस्या नहीं होती।
डेंगू होने पर क्या करें।
डेंगू एक गंभीर संक्रमण है डेंगू होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और डॉक्टर द्वारा दी गई हिदायतओं को माने।
1.डेंगू का सही मायने में डॉक्टरी इलाज ही कराना सही रहता है।
2.डेंगू के पेशेंट को ज्यादा से ज्यादा नारियल पानी लिक्विड देना चाहिए ताकि उसे पानी की कमी ना हो और रक्तचाप भी ठीक रहे।
3.डॉक्टर मरीज की हालत के आधार पर ही उसको इलाज का सुझाव देते हैं आवश्यकता होने पर मरीज को अस्पताल में एडमिट किया जा सकता है ।
4.डेंगू के मरीज को नमक कम देना चाहिए। क्योंकि उसके दाने व चकत्ते पर दर्द व जलन बढ़ सकती है।
5. डेंगू में नारियल पानी देना सबसे अच्छा होता है यह प्लेटलेट्स बढ़ाने का भी काम करता है।
6. पपीते के पत्ते ,पपीता ,कीवी ,गिलोय, अनार ,चुकंदर और हरी सब्जियों की डाइट डेंगू के मरीज को देनी चाहिए । इससे प्लेटलेट्स बढ़ते हैं।
7. गंभीर डेंगू की हालत होने पर पीड़ित व्यक्ति को आईसीयू के इलाज की जरूरत पड़ सकती है वह लक्षणों के आधार पर ब्लड या प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन इंट्रावेनस फ्लुएड और ऑक्सीजन थेरेपी से मरीज का इलाज किया जा सकता है ।
प्लेटलेट्स गिरने पर डॉक्टर अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दे सकते हैं।
डेंगू बुखार से बचाव के उपाय
1.कूलर का पानी सप्ताह में एक बार अवश्य बदले
2.घर में कीटनाशक दवाई छड़के
3.बच्चों को ऐसे कपड़े बनाएं जिससे उनके हाथ पैर पूरी तरह ढक्के रहे ।
4.सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें मच्छर भगाने वाली दवाई का प्रयोग करें जैसे कि ऑल आउट ,कछुआ छाप ,गुड नाइट
5.आपके आसपास गड्ढों में अगर पानी है यहां आपके आसपास कहीं गंदा पानी खड़ा है तो आप उस में मिट्टी का तेल जरूर डाल दें ताकि उस में डेंगू का लारवा ना बन पाए।
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