हर महिला के लिए प्रेगनेंसी वह खूबसूरत पल है जब महिलाएं एक नई जिंदगी को इस संसार में लाने वाली होती है। महिला के साथ साथ पूरे परिवार में खुशियां आए होती हैं। गर्भवती महिला अपनी गर्भावस्था को सबसे पहले महसूस करती है किसी भी महिला के लिए यह समय जिज्ञासाओं से भरा होता है कि कि क्या वह प्रेग्नेंट है क्या उससे गर्भधारण हो चुका है उसके मन में कई तरह के सवाल होते हैं आज उसी के बारे में पढ़ेंगे की प्रेगनेंसी क्या है प्रेगनेंसी कैसे होती है और प्रेगनेंसी के क्या लक्षण होते हैं।
प्रेगनेंसी (गर्भावस्था) क्या है?
प्रेगनेंसी गर्भ की वह अवस्था है जब महिला को मासिक धर्म नहीं आता है और उसके गर्भ में एक भ्रूण पल रहा होता है। इसका पता आप घर में प्रेगनेंसी किट से भी कर सकते हैं अगर इसका परिणाम सकारात्मक आता है तो इसका मतलब आप गर्भवती हैं इसके अलावा ब्लड टेस्ट अल्ट्रासाउंड के द्वारा भी प्रेगनेंसी की पुष्टि की जाती है। महिला की अंतिम मासिक धर्म की तारीख से इसे अनुमानित किया जाता है की गर्भ में भ्रूण बनने की प्रक्रिया मासिक धर्म की अंतिम तारीख से शुरू हुई होगी। भ्रूण बनने की प्रक्रिया पूरे 9 महीने की होती है इस प्रक्रिया को 3 महीने के 3 ट्राइमिस्टर में विभाजित किया गया है।
प्रेगनेंसी कैसे होती है।
मासिक धर्म आने के बाद 12वीं सी चौधरी दिन के करीब ओवुलेशन डे शुरू होते हैं उस दौरान एक परिपक्व अंडा ओवरी को छोड़ देता है ओवरी को छोड़ने के बाद यह अंडा महिला के गर्भाशय की ओर फेलोपियन ट्यूब के जरिए आगे बढ़ता है। ओवुलेशन दिनों के दौरान यदि कोई महिला संभोग करती है और योनि में सीमेन चला जाता है तो स्पर्म गर्भाशय ग्रीवा और गर्भाशय के जरिए फैलोपियन ट्यूब में 6 दिन तक जीवित रहता है इस दौरान स्पर्म अगर महिला के फेलोपियन ट्यूब में एग के साथ फर्टिलाइज हो जाए वा जब महिला का ऐड फैलोपियन ट्यूब में पुरुष के स्पर्म के साथ मिलता है तो इसे फर्टिलाइजेशन कहते हैं फर्टिलाइजेशन के लिए महिला ओवुलेशन पीरियड में होनी चाहिए। फर्टिलाइजेशन के बाद अंडा लगभग तीन-चार दिनों तक फैलोपियन ट्यूब में रहता है और 24 घंटे के अंदर इसकी कोशिकाएं तेजी से विभाजित होने लगती हैं विभाजित अंडा धीरे धीरे फैलोपियन ट्यूब के जरिए गर्भाशय में आने लगता है जब विभाजित अंडा यूट्रस वॉल यानी गर्भाशय से जुड़ जाता है तो इस प्रक्रिया को इंप्लांटेशन कहा जाता है यह गर्भाशय अस्तर से तब तक जुड़ा होता है जब तक कि शिशु का जन्म के लिए तैयार ना हो जाए।
प्रेगनेंसी के लक्षण
1.प्रेगनेंसी के लक्षण शुरुआती हफ्ते में ही 2.दिखाई देने शुरू हो जाते हैं ।
3.पीरियड्स का ना होना।
4.अचानक उठने पर चक्कर आना।
5.कमजोरी लगना।
6.जी मत लाना।
7.हल्का बुखार लगना।
8.मूड स्विंग होना।
9.सामान्य से अधिक पेशाब आना।
10.शुरुआती दिनों में कब्ज या दस्त की शिकायत होना
11.अनिद्रा की समस्या होना
12.स्तन में दर्द होना
13.मुहासे होना
14.उल्टियां होना
15.कभी-कभी हल्की ब्लीडिंग होना
16पेट में ऐठन होना
गर्भवती महिला के शरीर में कई तरह के परिवर्तन देखे जाते हैं जो गर्भवती महिला खुद महसूस कर सकती है।
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