पूरे देश में लंपी वायरस अपने पैर तेजी से पसार रहा है इस वायरस का कहर पशुओं में देखने को मिल रहा है गाय भैंस अभी तक 67000 गाय अपनी जान गवा चुकी है। और लाखों के हिसाब से गाय इसकी चपेट में आ रही है। करोना क्या कम था महामारी फैलाने के लिए जो अब लंपी वायरस ने पूरे देश में प्रकोप मजा आया हुआ है।
क्या है लंपी वायरस
लंपी वायरस मवेशियों में होने वाला एक संक्रामक रोग है। यह एक गांठ दार त्वचा रोग है। यह गाय भैंसों पशुओं में देखने को मिलता है और आजकल भारत में यह तेजी से फैल रहा है।यह पॉक्सविरिडे के कैप्ररीपॉक्सवायरस जीनस का सदस्य है। कैपरी पॉक्सवायरस जीनस में एलएसजीडी साथ ही शीप पॉक्सवायरस और बकरी पॉक्सवायरस होते हैं। लंपी वायरस इन्हीं के परिवार का सदस्य है।
लंपी वायरस के लक्षण
लंपी स्किन डिजीज पूरे शरीर में तेजी से गांठे बनने लगती हैं शरीर की गांठ में घाव हो जाते हैं और गांव अल्सर में बदल जाते हैं। बुखार की शुरुआत वायरस से संक्रमण के लगभग 1 सप्ताह बाद होती है यह प्रारंभिक बुखार 41 डिग्री सेल्सियस (106 डिग्री फारेनहाइट)से अधिक हो सकता है और 1 सप्ताह तक बना रह सकता है इस समय सभी सताई लिव नोट्स बड़े हुए हो जाते हैं। इसमें जानवर की नाक बहती है कभी-कभी रक्त स्त्राव भी होता है मुंह से लार आती है दूध देना कम हो जाता है अगर गाय गाय भैंस गर्भवती हो तो मिसकैरेज का खतरा भी हो जाता है। गाय भैंस।के लिए एक बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बीमारी है। क्योंकि जो लावारिस गाय वह पशु घूमते हैं बेजुबान बेचारे इस बीमारी की चपेट में आते ही अपनी जान गवा लेते हैं। अगर पशुओं को यह बीमारी होने पर उन्हें अच्छे से इलाज दिया जाए तो यह बीमारी दो से तीन हफ्तों में ठीक हो जाती है।
लंपी वायरस इंसानों के लिए खतरा
विशेषज्ञों के अनुसार लंपी वायरस पशुओं में फैलने वाली बीमारी है गाय भैंस बकरी भेड़ आदि जानवरों में यह बीमारी देखी गई है। लंबी वायरस रोग को पहली बार 1929 में दक्षिण अफ्रीका में देखा गया। उसके बाद गाय भैंस बकरी और भेड़ आदि में इसके कई मामले देखे गए। अभी इंसानों की बात करें तो इंसानों में इस बीमारी का कोई खतरा नहीं है किंतु फिर भी आप किसी भी पशु को छूने से पहले साबुन से अच्छी तरह हाथ धोए और अगर आप गाय भैंस का दूध पालन करते हैं तो विशेष का ध्यान रखें कि दूध निकालने से पहले अच्छे से हाथ धो हुई उसके बाद दूध निकालने के बाद भी आप अच्छे से हाथ धोए इंसानों को भी सावधानी बरतनी पड़ेगी तभी तो बेजुबान पशुओं की सुरक्षा हो पाएगी। अगर कोई पशु इससे ग्रसित है तो उसे दूसरे पशुओं से दूर रखें क्योंकि यह एक फैलने वाला संक्रामक रोग है यह एक पशु से दूसरे पशु में फैल रहा है। अभी तक लंबी वायरस से संक्रमित इंसान नहीं देखा गया है इसलिए आप इस बात से सुरक्षित रहें कि लंबी वायरस इंसानों में फैल रहा है।
क्या दूध से लंबी वायरस इंसानों में फैल सकता है?
लंबी वायरस का नाम सुनते दिमाग में आता है कि क्या यह दूध पीने से भी फैल रहा है क्या दूध पीने से इंसान को लंबी वायरस तो नहीं हो जाएगा ऐसा कुछ नहीं है संक्रमित गाय के दूध तब तक नुकसान नहीं करता जब तक उसे कच्चा ना पिया जाए इस समय लंपी वायरस का खौफ हर तरफ देखने को मिल रहा है कितनी सारी गाय लंपी की चपेट में आ चुकी है। याद रखें दूध को पीने से पहले या अपने शिशु को पिलाने से पहले100 सेल्सियस डिग्री पर जरूर उबालें। इससे दूध में उपस्थित बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं।
लंपी वायरस से मवेशियों को कैसे बचाएं।
अगर आपको अपने पशु में लंबी वायरस के कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं तो उसको तुरंत आइसोलेट कर दें ताकि उससे किसी और मवेशियों को वायरस का खतरा ना हो।
मवेशियों को डिटॉल आदि के साथ स्नान कराएं एंटीवायरस बहुत तेजी से फैल रहा है इस समय खासकर ध्यान रखें की मवेशियों के पास किसी प्रकार की गंदगी ना हो जिससे मच्छर मक्खी व खून चूसने वाले कीड़े उत्पन्न ना हों।
पशुओं का वैक्सीनेशन जरूर कराएं।
क्या है इसका इलाज
लंपी वायरस में नीम की पत्तियों को जलाकर मवेशियों के आसपास दुआ करें ताकि मक्खी मच्छर आसपास ना फैले वायरस को फैलाने में मक्खी मच्छर का विशेष योगदान है यह एक पशु से दूसरे पशु तक वायरस को ले जाती है।
इस बीमारी से बचाव के लिए पशु को वैक्सीनेशन जरूर करवाएं। लंपी वायरस पशुओं के लिए एक जानलेवा बीमारी है इसमें पशुओं की सही तरह से देख रेख करना बहुत आवश्यक है।
जब तक इस वायरस का कहर है अपने पशुओं को रोज डिटोल से नहलाएं उसके आसपास की जगह को फिनायल से धोएं।
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